Arjeeyan sab
Chere pe gad laya hoon
Tu khud hi pad le
Meri kaya Par
Kya kya likha laya hoon
Ik teri ibaadat
Aur inayat
Kama laya hoon
Arjeeyan sab
Ik hi jhatke mein
Mita aya hoon
Kya mangu tujh se
Jo tu ne hi to
Hai mujhe banaya
Apna aap mita kar
Phir tuj ko hi hai paya
Arjeeyan sab
Chere pe gad laya hoon
Tu khud hi pad le
Meri kaya Par
Kya kya likha laya hoon…
Poet Manjit Singh
Ph: 613-440-4166
email: raj_ma_si@hotmail.com
अर्जियां सब
चेहरे पे गढ़ लाया हूँ
तू खुद पढ़ ले
मेरी काया पर
क्या क्या लिखा लाया हूँ
इक तेरी इबादत
और इनायत
कमा लाया हूँ
अर्जियां सब
इक ही झटके में
मिटा आया हूँ
क्या माँगूँ तुझ से
जो तू ने ही तो
है मुझे बनाया
अपना आप मिटा कर
फिर तुझ को ही है पाया
अर्जियां सब
चेहरे पे गढ़ लाया हूँ
तू खुद ही पढ़ ले
मेरी काया पर
क्या क्या लिखा लाया हूँ….
कवि – मंजीत सिंह